History of Maru Rajput

गरवा पंथ मारू राजपुत

गरवा पंथी राजपूतों का यह समुदाय जो जमीदार कुमारो /राजकुमारों/ या मारू राजपूतों के नाम से विख्यात है इस समुदाय के संस्थापक जैसलमेर के भीड़कमल भाटी राजपूत संत गरवा जी महाराज थे ! इनका जन्म विक्रमी संवत 1285 माघ सुदी चतुर्दशी वार शुक्रवार के दिन जैसलमेर के गांव भंभारा में हुआ 13वि शताब्दी में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और जैसलमेर के भाटी राजपूतों के बीच हुए भयानक युद्धों के कारण बहुत सी छोटी-छोटी राजपूत कन्या बाल विधवा हो गई थी जिनके पति युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हो चुके थे उस समय राजपूत समाज में विधवा विवाह प्रथा नहीं थी ! उन छोटी-छोटी बाल कन्याओं का जीवन नर्क बनता देख संत गरवा जी को उन पर दया आई और उन्होंने अपने राजपूत शिष्यों को वचन में बांधकर बाल विधवा कन्याओं के पुनर्विवाह का उपदेश दे दिया उस समय राजपूत क्षत्रिय समाज में पुनर्विवाह प्रथा का विरोध था लेकिन संत गरवा जी के शिष्य राजपूत संत गरवा जी को वचन दे चुके थे इसलिए (प्राण जाए पर वचन नहीं जाए!) को ध्यान में रखते हुए ये राजपूत बाल विधवा पुनर्विवाह प्रथा की इस मुहिम से सहमत हो गए यह सर्वप्रथम 12 राजपूत थे !संत गरवा जी द्वारा चलाई गई राजपूत समाज में विधवा विवाह की इस जोरदार मुहिम के कारण राजपूत समाज दो भागों में बंट गया! क्योंकि ज्यादातर राजपूत विधवा विवाह प्रथा से सहमत नहीं हुए !और संत गरवा जी के वचन में आकर इस मुहिम का जो राजपूत हिस्सा बने थे वे सभी एक गरवा पंथी जातीय संगठन के रूप में अलग हो गये !जब राजस्थान में भयंकर अकाल पड़े तो मारवाड़ मरुस्थल को छोड़कर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा पंजाब की तरफ आए और जमींदार कुमार राजकुमार /मारू राजपूतों के नाम से विख्यात हुए! वीर योद्धाओं के इस समाज में अनेक तपस्वी संत,शूरवीर, भोमिया युद्ध भूमि में शीश कट्टी झुंझार हुए हैं अनेक सतियां महासतियां हुई गरवा पंथी राजपूतों का यह समुदाय शुद्ध शाकाहारी माना जाता है समाज के घरों में सामाजिक तौर पर शराब मांसाहार का प्रचलन बिल्कुल नहीं रहा! ये जीव हत्या या बलि देने की प्रथा को पाप समझते हैं और जीवों की रक्षा करना धर्म!

पग पग पूजाअ देवली, घर-घर सतीया थान, मरण मारुण रि रीत ही जद मारू राजपूत पहचाण 🙏🏻🚩

श्री मारू राजपूत महासभा अबोहर (पंजाब)
संस्थापक: सागर राजपूत
9501257757

महासचिव सुरेंद्र सिंह भाटी

युवा अध्यक्ष मनीष सिंह भाटी